हनुमान जी के भजन कीर्तन हिंदी में | Hanuman Ji ke Bhajan Lyrics in Hindi:-
(बजरंगबली के भजन लिखित में)
प्रार्थना
बजरंगबली मेरी नाव चली, जरा बल्ली कृपा की लगा देना ।
मुझे रोग शोक ने घेर लिया, मेरे ताप को आप मिटा देना ।1।
मैं दास आपका जन्म से हूँ, बालक और शिष्य भी धर्म से हूँ,
बेशर्म बिमुख निज कर्म से हूँ, चित से मेरा दोष भुला देना ।2।
दुर्बल हूँ गरीब हूँ दीन हूँ मैं, निज कर्म क्रिया गति क्षीण हूँ मैं ।
बलवीर तेरे आधीन हूँ मैं, मेरी बिगड़ी हुई को बना देना ।3।
बल देके मुझे निर्भय कर दो, यह शक्ति मेरी अक्षय कर दो ।
मेरे जीवन को सुखमय कर दो, संजीवन लाय पिला देना ।4।
करुणानिधि आपका नाम भी है, शरणागत 'राधेश्याम' भी है ।
इसके अतिरिक्त यह काम भी है, श्रीराम से आप मिला देना ।5।
लहरावे झण्डा
लहर लहर लहरावै रे झंडा बजरंग बली का ।
बजरंग बली का झंडा बजरंग बली का ॥
इस झंडे को हाथ में लेकर, राम को साथ में लेकर ।
लंका जाय जरावै रे । झण्डा बजरंबली का । लहर०
इस झण्डे को हाथ में लेकर, रामा साथ में लेकर ।
माता की सुधि लावै रे झण्डा बजरंग बली का ।
इस झण्डे को हाथ में लेकर रामा साथ में लेकर ।
संजीवन लेकर आवै रे झण्डा बजरंगबली का ॥ लहर०
इस झण्डे को साथ में लेकर रामा साथ में लेकर ।
लक्ष्मण का प्राण बचावै रे, बजरंगबली का ॥ लहर०
इस झण्डे को हाथ में लेकर रामा साथ में लेकर ।
सीताराम मिलावै रे, झण्डा बजरंगबली का ॥ लहर०
इस झण्डे की हाथ में लेकर रामा साथ में लेकर ।
भूतों को मार भगावै रे, झण्डा बजरंगवली का ॥ लहर०
इस झण्डे को हाथ में लेकर रामा साथ में लेकर ।
भक्तों की लाज बचावै रे झण्डा बजरंगबली का ॥ लहर०
इस झण्डे को हाथ में लेकर रामा साथ में लेकर ।
लंका जाय जरावै रे झण्डा बजरंगबली का ॥ लहर०
महावीर तुम्हारे द्वारे पर
महावीर तुम्हारे द्वारे पर एक दास भिखारी आया है ।
प्रभु दर्शन भिक्षा पाने को दो नयन कटोरा लाया है।
महावीर तुम्हारे द्वारे पर०
नहीं दुनिया में कोई मेरा है, आफत ने मुझको घेरा है ।
जग ने मुझको ठुकराया है, बस एक सहारा तेरा है ।
महावीर तुम्हारे द्वारे पर०
मेरी बीच भंवर में नइया है, एक तू ही पार लगैया है ।
लाखों को ज्ञान सिखाया है, भवसिंधु पार उतारा है।
महाबीर तुम्हारे द्वारे पर....
धन दौलत की कोई चाह नहीं, घरबार छूटे परवाह नहीं,
मेरी इच्छा तेरे दर्शन की, संकट से मन घबराया है ।
महावीर तुम्हारे द्वारे पर......
आपस में भी कुछ प्रेम नहीं, प्रभु तुमबिन हमको चैन नहीं,
अब जल्दी आकर सुधि ले लो मैंनें अब तुम्हें बुलाया है
महावीर तुम्हारे द्वारे पर......
मेरे संकट टालो बालाजी
तेरे दर पे युग युग बीत गये, मेरा संकट टालो बालाजी ॥
मैं जल भर झारी लाई हूं, तुम इससे नहाओ बालाजी ।
मैं चन्दन घिसकर लायी हूं, तुम तिलक लगाओ बालाजी ॥
मैं चोला लेकर आई हूं, तुम चोला चढ़ाओ बाला जी ।
मैं हार गूंथकर लाई हूं तुम प्रेम से पहन लो बालाजी ॥
मैं दूध कटोरा भर लायी हूँ, तुम प्रेम से पीलो बाला जी ।
मैं लड्डू लेकर आयी हूं, तुम भोग लगाओ बाला जी ॥
मैं संकट लेकर आया हूं, तुम संकट टालो बाला जी ।
जोगन बनकर आयी हूं, तुम दर्शन दे दो बालाजी ॥
मैं झोली पसारे आई हूं, तुम झोली भर दो बालाजी ।
मैं मनकामना लेकर आयी हूँ तुम पूरी करदो बालाजी ॥
घर आए मेरे बालाजी
घर आये मेरे बालाजी, कई बरसों में खुशी हुई ॥ टेक ॥
दुनियां कुछ का कुछ कहती है, ताने तेरे नाम के देती है।
लगन लगी है मुझे तेरे दर की । कई बरसों० ॥
घर आये मेरे बाला जी कई, बरसों में खुशी हुई ।
मन मानी मैं तो करता हूँ, पर दुनियां से डरता हूं ।
दुनियां प्रेम भरी दृष्टी ॥ कई बरसों० घर आये० ।
दुनियां में नहिं कोई मेरा बड़ी मुश्किल स तेरा द्वार मिला ।
चहिये चरणों की प्रीत भली । ।। कई बरसों० घर आये० ।
तन मन से बाबा सेवा करूं, जो कुछ हो उपकार करूं ।
लोकनाथ की ' यही अर्जी' । कई बरसों० ॥
घर आये मेरे बाला जी, कई बरसों में खुशी हुई ।
ओ पवनपुत्र बजरंगवली
ओ पवन पुत्र बजरंगबली रामदूत हनुमान, आसरी थारो है ।
बालपण में लिन्हों मुखड़े में उगतौ भान आसरो थारो है ।
सियाराम जी को पाकर के, मन में श्री राम बसा करके ।
माता जानकी की सुधि ल्लायो लंका में जा करके ॥
रावण की सभा के बीच बढ़ाई शान, आसरो थारो है
ओ पवन पुत्र.....
शक्ति लक्ष्मण के उर लागी, रात भई मूर्छा न त्यागी ।
व्याकुल हो गये राम नैन झड़ी अँसुवन की लागी
संजीवन लाकर लक्ष्मण बलबीर बचाये प्रान आसरो थारो है
ओ पवन पुत्र.....
रूप कपट को धरायो तू माया को खोज मिटायो तू ।
राम लक्ष्मण दोनों ले आयो ओ अहिरावण को मारयो तू ।
है अजर अमर तेरी काया, ओ वीर बलवान आसरो थारो है
ओ पवन पुत्र ०.....
लाल लंगोटी वाला तू, है राम नाम मतवाला तू
काशीराम कहै वेग पधारो, भक्तन का रखवाला तू
तेरे भक्त करें सब तेरा ही गुणगान आसरो थारो है ।
ओ पवन पुत्र ०.....