सावन के गीत लिरिक्स इन हिंदी | सावन की मल्हार Lyrics:-
मल्हार 1
राधे ने झूला डारौ रेशम डोर कौ जी,
एजी कोई डारो है जमुना बाग।।
टेक
लंबे-लंबे झोटा झूलें रानी राधिका जी
एजी कोई श्याम सुनावे मुरली राग।।
राधे०
सखिया झुलावें भैना हिलमिल प्रेम से जी,
एजी कोई गावें गीत सुहाग।।
राधे०
राधे की चोटी ऐसी देखो उड़ रही जी,
एजी कोई जैसे होय कारौ नाग।।
राधे०
कहा छवि बरनू़ राधे जी की आपसे जी,
एजी कोई मुख पै सोहे तिल को दाग।।
राधे०
भजन अकेला करले राधेश्याम को जी,
एजी कोई किस्मत गई है जाग।।
राधे०
मल्हार 2
सुघड़ सुहानौ झूला रानी राधिका कौ।
एजी कोई शोभा बरनी न जाए।।
टेक
हंस हंस झोटा दे रही सखियां प्रेम से जी,
एजी कोई हिलमिल रही हैं सुलाय।।
सुघड़०
कोयल कूके भैना डज्ञरी आम की जी,
एजी कोई मन सबको हरसाया।।
सुघड़०
कथि के अकेला गावैं भैया प्रेम से जी,
एजी कोई सुनि लेउ सब चित लाय।।
सुघड़०
मल्हार युगल जोड़ी
श्याम सलौने झूला झलते जी,
एजी कोई राधे रही संग झूम।।
टेक
कहां छबि बरनू़ं मैना राधेश्याम की जी,
एजी कोई छबि मन के अनुकूल।।
श्याम०
खिली है हरियाली भैना बाग में जी,
एजी कोई खिले हैं अनेकन फूल।।
श्याम०
निरखत झूला भैना राधेश्याम कौ जी,
एजी कोई सुनि बुधि गई सब भूल।।
श्याम०
दरस अकेला पावें बड़े भाग्य से जी,
एजी कोई श्याम-चरण की धूल।।
श्याम०