माता सीता और राम जी के भजन लिरिक्स हिंदी:-
जरा लंका में आओ मेरे राम जी (तर्ज - जरा सामने तो आओ छलिए)
जरा लंका में आओ मेरे राम जी, मुझे भूल गई हो क्या बात है
मैं रोती रही तेरी याद में, बस इतना ही तो फरियाद है
जनकपुरी में जब तुम आए, तुमने धनुष को तोड़ दिया,
बड़े-बड़े राजा महाराजाओं से नाता तोड़ दिया,
जब दिया हाथ में हाथ है,
मैं रोती रही तेरी याद में, बस इतना ही तो फरियाद है
जरा लंका में.....
अवधपुरी में जब तुम आए, सारी प्रजा खुशी हुई
राज तिलक का समय जो आया, कैकई माता दुखी हुई
जब दिया राम को वनवास है, मुझे भूल गए हो क्या बात है
मैं रोती रही तेरी याद में, बस इतना ही तो फरियाद है
जरा लंका में.....
अयोध्या के रंगीन नजारे ना मांगो :
अयोध्या के रंगीन नजारे ना मांगो,
अवध मांग लो प्यारे राम ना मांगो
1) कहो तो यज्ञ का सारा सामान दे दूं
कहो तो बड़े से बड़ा दान दे दूं
मगर मेरे जीवन साथी ना मांगो
अवध मांग लो.....
2) दान लेकर के क्या मैं करूंगी
अगर राम ना होंगे तो धन का क्या करूंगी
अवध वासियों के - अवध वासियों के दुलारे न मांगो
अवध मांग लो.....
अयोध्या के रंगीन नजारे न मांगो
अवध मांग लो प्यारे राम न मांगो।
सोचे सिया मेरी लइ ना खबरिया :
सोचे सिया मेरी लइ ना खबरिया -२
1) मात पिता मेरे वे सब छूटे
छूट गई मेरी जनक नगरिया
सोचे सिया मेरी.....
2) सास ससुर मेरे वे सब छूटे,
छूट गई मेरी अवध नगरिया
सोचे सिया मेरी.....
3) राम लखन मेरे वे सब छूटे,
छूट गई मेरी वन की मैया
सोचे सिया मेरी.....