Navratri Devi Geet Lyrics in Hindi | Dholak Par Gaane Ke Liye Maiya Ke Geet Lyrics

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Navratri Devi Geet Lyrics in Hindi | Dholak Par Gaane Ke Liye Maiya Ke Geet Lyrics

नवरात्रि का पर्व, नौ रातों का महापर्व है जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और आराधना को समर्पित है। इन नौ दिनों में, घर-घर और मंदिर-मंदिर में देवी की महिमा का गुणगान होता है। इस आराधना का एक सबसे महत्वपूर्ण माध्यम देवी गीत हैं। इन देवी गीतों की परंपरा मौखिक रूप से सदियों से चली आ रही है, और आधुनिक युग में भी इसका महत्व कम नहीं हुआ है। 

नवरात्रि के दौरान देवी की आराधना में आरती का विशेष स्थान होता है। आरती दिन की शुरुआत और अंत में की जाती है, जो देवी के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है। यह एक पवित्र अनुष्ठान है जो वातावरण को शुद्ध करता है और भक्तों के मन को शांति प्रदान करता है। 



Maa Sher Pe Chadke Aaja

Lyrics (Hindi):

मैया शेर पे चढ़के आजा,

तेरे भक्त खड़े हैं गली गली।

मैया कैसा जल है चढ़ाना,

तेरे पूछे भगत जन गली गली।

मैया कैसा दीप जलाएं,

तेरी रौशन हो जाए गली गली।

मैया कैसा भोग लगाएं,

तेरी कृपा बरसे गली गली।

मैया कैसी भेंटें गाएं,

तेरे नाचे भगत जन गली गली।

मैया कैसा चोला चढ़ाएं,

चोले की चमक जाए गली गली।

मैया कैसे तुझे मनाए,

जयकारा गूँजे गली गली।

मैया शेर पे चढ़के आजा,

तेरे भक्त खड़े हैं गली गली।

Maiya sher pe chadke aaja,

tere bhakt khade hain gali gali.

Maiya kaisa jal hai chadhana,

tere pooche bhagat jan gali gali.

Maiya kaisa deep jalayein,

teri raushan ho jaye gali gali.

Maiya kaisa bhog lagayein,

teri kripa barse gali gali.

Maiya kaisi bheten gaayein,

tere naache bhagat jan gali gali.

Maiya kaisa chola chadhayein,

chole ki chamak jaye gali gali.

Maiya kaise tujhe manaayein,

jaikara goonje gali gali.

Maiya sher pe chadke aaja,

tere bhakt khade hain gali gali.

Oonche Oonche Pahado Pe Maiya Ji Ka Basera Hai

Lyrics (Hindi):

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे मैया जी का बसेरा है,

नीचे हम रहते है ऊपर मैया जी का डेरा है।

मैया जी के द्वारे पे एक अंधा पुकार रहा,

मैया अंधे को आंखे दो उसे तेरा ही सहारा है।

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे मैया जी का बसेरा है,

नीचे हम रहते है ऊपर मैया जी का डेरा है।

मैया जी के द्वारे पे कोढ़ी पुकार रहा,

मैया कोढ़ी को काया दो उसे तेरा ही सहारा है।

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे मैया जी का बसेरा है,

नीचे हम रहते है ऊपर मैया जी का डेरा है।

मैया जी के द्वारे पे बांझन पुकार रही,

मैया बांझन को बेटा दो उसे तेरा ही सहारा है।

Oonche oonche pahado pe maiya ji ka basera hai,

niche hum rehte hai upar maiya ji ka dera hai.

Maiya ji ke dware pe ek andha pukar raha,

Maiya andhe ko aankhein do use tera hi sahara hai.

Oonche oonche pahado pe maiya ji ka basera hai,

niche hum rehte hai upar maiya ji ka dera hai.

Maiya ji ke dware pe kodhi pukar raha,

Maiya kodhi ko kaya do use tera hi sahara hai.

Oonche oonche pahado pe maiya ji ka basera hai,

niche hum rehte hai upar maiya ji ka dera hai.

Maiya ji ke dware pe banjhan pukar rahi,

Maiya banjhan ko beta do use tera hi sahara hai.

Tune Mujhe Bulaya Sherawaliye

Lyrics (Hindi):

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये,

मैं आया मैं आया शेरा वालिये।

ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये।

सारा जग है इक बंजारा, सब की मंजिल तेरा द्वारा।

ऊँचे परबत लम्बा रास्ता, पर मैं रह ना पाया, शेरा वालिये।

सूने मन में जल गयी बाती, तेरे पथ में मिल गए साथी।

मुंह खोलूं क्या तुझ से मांगू, बिन मांगे सब पाया, शेरा वालिये।

कौन है राजा, कौन भिखारी, एक बराबर तेरे सारे पुजारी।

तुने सब को दर्शन देके, अपने गले लगाया, शेरा वालिये।

प्रेम से बोलो, जय माता दी।

Tune mujhe bulaya sherawaliye,

main aaya main aaya sherawaliye.

Jyota waliye, pahada waliye, mehra waliye.

Sara jag hai ik banjara, sab ki manzil tera dwara.

Oonche parbat lamba rasta, par main reh na paya, sherawaliye.

Sune man mein jal gayi baati, tere path mein mil gaye saathi.

Munh kholoon kya tujh se mangu, bin mange sab paya, sherawaliye.

Kaun hai raja, kaun bhikhari, ek barabar tere sare pujari.

Tune sab ko darshan deke, apne gale lagaya, sherawaliye.

Prem se bolo, Jai Mata Di.

Ambe Tu Hai Jagdambe Kali

Lyrics (Hindi):

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली।

तेरे ही गुण गाये भारती, हो मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे जगत के भक्त जनन पर, भीड़ पड़ी है भारी माँ।

दानव दल पर टूट पड़ो माँ, करके सिंह सवारी।

सौ सौ सिंहों से तू बल शाली, अष्ट भुजाओं वाली।

दुष्टों को पल में संघारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

माँ बेटे का है इस जग में, बड़ा ही निर्मल नाता।

पूत कपूत सुने है पर, ना माता सुनी कुमाता।

सब पर करुणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली।

दुखियों के दुखड़े निवारेती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

Ambe tu hai jagdambe kali, jai durge khappar wali.

Tere hi gun gaaye bharti, ho maiya hum sab utare teri aarti.

Tere jagat ke bhakt janan par, bheed padi hai bhari maa.

Danaw dal par toot pado maa, karke singh sawari.

Sau sau singhon se tu bal shali, asht bhujao wali.

Dushton ko pal mein sangharti, o maiya hum sab utarey teri aarti.

Maa bete ka hai ish jag mein, bada hi nirmal nata.

Poot kaput sune hai par, na mata suni kumata.

Sab par karuna darshane wali, amrit barsane wali.

Dukhiyon ke dukhade nivarti, o maiya hum sab utare teri aarti.

Aao Meri Sherawali Maa

Lyrics (Hindi):

आओ मेरी शेरा वाली माँ, ओ माँ ओ माँ ओ माँ...

आओ मेरी ज्योता वाली माँ, ओ माँ ओ माँ...

मेरे सोये भाग जगा दो, ओ मैया मेरी जगदम्बे।

मेरी बिगड़ी आज बना दो, ओ मैया मेरी जगदम्बे।

ओ सुनके महिमा तेरी निराली, आया दर पर एक सवाली।

वो दुखियारा जनम से अंधा, हाल बड़ा था उसका मंदा।

तड़प के बोला आँखों के बिन, पत्थर है हीरे मोती।

नैना देवी माता है तो, दे मेरे नैनो को ज्योती।

तेरी दया से मिट गया, उसकी आँखों से अंधियारा।

आओ मेरी ज्योता देवी माँ।

Aao meri shera waali maa, o maa o maa o maa...

Aao meri jyota waali maa, o maa o maa...

Mere soye bhag jaga do, o maiya meri jagdambe.

Meri bigdi aaj bana do, o maiya meri jagdambe.

O sunke mahima teri niraali, aaya dar per ek sawali.

Vo dukhiyara janam se andha, haal bada tha uska manda.

Tadap ke bola aakho ke bin, patthar hai here moti.

Naina devi mata hai to, de mere naino ko jyoti.

Teri daya se mit gaya, uski aakho se andhiyara.

Aao meri jyota devi maa.

Aaja Maa Ghar Mere

Lyrics (Hindi):

मान ले मेरा कहना, मैया वारी जाऊं तेरे।

आजा माँ घर मेरे, आजा माँ घर मेरे।

तेरा पुजारी मेरा सारा परिवार माँ,

तेरे शुभ चरणों से हमको बड़ा प्यार माँ।

तेरे दुलारों को है तेरा इंतज़ार माँ,

आजा एक बार माँ होगा बड़ा उपकार माँ।

जोत मेरे घर में जलती है, तेरी शाम सवेरे।

हाथों में तेरी मेहंदी प्यार से रचाएंगे,

फूलों से तेरा दरबार माँ सजाएंगे।

चंदन की चौकी पे तुझे हम बिठाएंगे,

सारी सारी रात मैया भेटें सुनाएंगे।

Maan le mera kahana, maiya wari jau tere.

Aaja maa ghar mere, aaja maa ghar mere.

Tera pujari mera sara parivar maa,

tere shubh charno se humko bada pyar maa.

Tere dularo ko hai tera intzaar maa,

aaja ek baar maa hoga bada upkar maa.

Jot mere ghar me jalti hai, teri shaam sabere.

Hatho mein teri mehandi pyar se rachayenge,

foolo se tera darbaar maa sajayenge.

Chandan ki chauki pe tujhe ham bithayenge,

saari saari rat maiya bhete sunayenge.

Aaja Maa Tenu Akhiyan Udik Diya

Lyrics (Hindi):

आजा माँ तेनु अखियां उडीक दिया।

उडीक दिया दिल वाजा मारदा।

आजा माँ तेनु अखियां उडीक दिया।

तेरे बिना कौन तेरे लाल को संभाले माँ,

आके एक बार मुझे गले से लगा ले माँ।

दुःख इंतज़ार दा, दुःख नहीं सहदा।

अंखियां उडीक दिया, दिल वाजा मारदा।

दरस दिखा के मेरे सारे दुःख टाल दे,

भीछा दया की मेरी झोली में डाल दे।

प्यासा हूँ प्यार दा, तेरे दीदार दा।

Aaja maa tenu akhiyan udik diya.

Udik diya dil vaja marda.

Aaja maa tenu akhiyan udik diya.

Tere bina kaun tere lal ko sambhale maa,

aake ek baar mujhe gale se laga le maa.

Dukh intjar da, dukh nahi sahar da.

Akhiyan udik diya, dil vaja marda.

Daras dikha ke mere saare dukh taal de,

bhichchha daya ki meri jholi mein daal de.

Pyasa hun pyar da, tere didar da.

Meri Akhion Ke Samne Hi Rehna

Lyrics (Hindi):

मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ जगदम्बे।

मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ शेरों वाली जगदम्बे।

हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के,

भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के।

विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ,

चरणों से हमको कभी करना ना दूर माँ।

मुझे जान के अपना बालक,

सब भूल तू मेरी भुला देना, ओ शेरों वाली जगदम्बे।

Meri akhion ke samne hi rehna, Maa Jagdambe.

Meri akhion ke samne hi rehna, Maa Sheron Wali Jagdambe.

Hum to chakar maiya tere darbar ke,

Bhookhe hain hum to maiya bas tere pyar ke.

Vinti hamari bhi ab karo manzoor maa,

Charnon se humko kabhi karna na door maa.

Mujhe jaan ke apna balak,

Sab bhool tu meri bhula dena, o Sheron Wali Jagdambe.

जय अम्बे गौरी

यह दुर्गा माँ की सबसे प्रसिद्ध आरती है, जिसका पाठ अक्सर पूजा और जगराता के बाद किया जाता है। यह आरती देवी के विभिन्न रूपों और उनके दैवीय गुणों का वर्णन करती है, जिसमें उनके शस्त्र, आभूषण और उनके सिंह वाहन का उल्लेख है। यह आरती देवी को ब्रह्मा, विष्णु और शिव द्वारा पूजी जाने वाली शक्ति के रूप में दर्शाती है ।   

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

मांग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।

उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रवदन नीको॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।

मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।

आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूं।

बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्‍तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।

मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

श्री अम्बेजी की आरती, जो को‌ई नर गावै।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

अम्बे तू है जगदम्बे काली

यह आरती भक्तों को देवी के रौद्र और दयालु दोनों रूपों का स्मरण कराती है। यह विशेष रूप से देवी काली और दुर्गा की शप्ती का गुणगान करती है, जो दानवों का नाश करके भक्तों की रक्षा करती हैं। इस आरती में माँ और उनके भक्तों के बीच के निर्मल रिश्ते को भी दर्शाया गया है ।   

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली।

तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।

दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,

दुष्टों को तू ही ललकारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।

पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,

दुखियों के दुखड़े निवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।

हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥

सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,

सतियों के सत को संवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।

वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥

माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,

भक्तों के कारज तू ही सारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे

यह एक खूबसूरत सुबह की आरती है जो नवरात्रि के दौरान भक्तों द्वारा सुबह-सुबह देवी को जगाने और उनकी जयकार करने के लिए गाई जाती है। यह गीत केवल एक आरती नहीं है; यह एक भक्तिमय कथा है जो दिन की शुरुआत का प्रतीक है। गीत में पंजाबी भाषा के शब्द जैसे 'विच', 'सुहे चोलेयाँ' और 'जम्मुए दा राजा' का उपयोग इसकी उत्पत्ति को दर्शाता है, खासकर उत्तरी भारत के जम्मू क्षेत्र में, जहां वैष्णो देवी का निवास है । यह भाषाई मिश्रण बताता है कि कैसे भक्ति संगीत क्षेत्रीय सीमाओं को पार करता है और पूरे हिंदी भाषी क्षेत्रों में समान रूप से स्वीकार्य और प्रिय हो जाता है।   


भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे, भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे।

हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ।


हे दरबारा वाली, आरती जय माँ।

ओ पहाड़ा वाली, आरती जय माँ।


काहे दी मैया तेरी आरती बनावां, काहे दी मैया तेरी आरती बनावां,

काहे दी पावां विच बाती, मंदिर विच आरती जय माँ।

सुहे चोलेयाँ वाली, आरती जय माँ।


हे माँ पहाड़ा वाली, आरती जय माँ।

सर्व सोने दी तेरी आरती बनावां, सर्व सोने दी तेरी आरती बनावां,

अगर कपूर पावां बाती, मंदिर विच आरती जय माँ।

हे माँ पिंडी रानी, आरती जय माँ।


हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ।

कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया, कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया,

कौन जागेगा सारी रात, मंदिर विच आरती जय माँ।

सच्चियां ज्योतां वाली, आरती जय माँ।


हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ।

सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे, सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे,

ज्योत जागेगी सारी रात, मंदिर विच आरती जय माँ।

हे माँ त्रिकुटा रानी, आरती जय माँ।


हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ।

जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा, जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा,

जिस तेरा भवन बनाया, मंदिर विच आरती जय माँ।

हे मेरी अम्बे रानी, आरती जय माँ।


हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ।

सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे, जो ध्यावे सो, यो फल पावे।

रख बाणे दी लाज, मंदिर विच आरती जय माँ।

सोहनेया मंदिरां वाली, आरती जय माँ।

श्री दुर्गा चालीसा

दुर्गा चालीसा देवी की स्तुति में एक 40-श्लोकों का पवित्र पाठ है। इसका पाठ नवरात्रि के दौरान दैनिक पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसे करने से भक्तों को माँ दुर्गा के सभी नौ रूपों का आशीर्वाद मिलता है । चालीसा देवी के जन्म, उनके विभिन्न रूपों, उनके द्वारा किए गए दानवों के संहार और उनके भक्तों पर उनकी कृपा का वर्णन करती है।   


नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥


निरंकार है ज्योति तुम्हारी।

तिहूँ लोक फैली उजियारी॥


ससि ललाट मुख महा बिसाला।

नेत्र लाल भृकुटी बिकराला॥


रूप मातु को अधिक सुहावे।

दरस करत जन अति सुख पावे॥


तुम संसार सक्ति लय कीन्हा।

पालन हेतु अन्न धन दीन्हा॥


अन्नपूर्णा हुई जग पाला।

तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥


प्रलयकाल सब नासन हारी।

तुम गौरी सिव संकर प्यारी॥


सिवजोगी तुम्हरे गुन गावें।

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥


(आगे के श्लोक...)


तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्‍तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥


श्री अम्बेजी की आरती, जो को‌ई नर गावै।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

चलो बुलावा आया है

यह भजन वैष्णो देवी की यात्रा का वर्णन करता है और तीर्थयात्रा के दौरान भक्तों के उत्साह को दर्शाता है। यह गीत बताता है कि देवी अपने भक्तों को स्वयं बुलाती हैं, और जो लोग उनके दरबार में जाते हैं, उनके सभी दुख और दर्द दूर हो जाते हैं । यह गीत भक्तों को जय माता दी कहते हुए चलने और रास्ते की कठिनाइयों पर ध्यान न देने के लिए प्रेरित करता है।   

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।

ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है॥


सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारों का।

रस्ता देख रही है माता, अपनी आंख के तारों का।

मस्त हवाओं का एक झोखा, यह संदेशा लाया है॥


जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालों को।

चलते जाओ तुम मत देखो, अपने पांव के छालों को।

जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है॥


वैष्णो देवी के मन्दिर में, लोग मुरदे पाते हैं।

रोते-रोते आते है, हस्ते-हस्ते जाते है।

मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है॥


मैं तो भी एक माँ हूँ माता, माँ ही माँ को पहचाने।

बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने।

उस का खून मैं देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है॥


प्रेम से बोलो, जय माता दी।

ओ सारे बोलो, जय माता दी।

प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी

यह भजन देवी के दरबार की सुंदरता और भव्यता का वर्णन करता है। गीत में यह बताया गया है कि देवी के दरबार में जो कोई भी जैसी नियत लेकर आता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। यह भजन देवी के निवास स्थान की पवित्रता और वहां आने वाले भक्तों के उत्साह को व्यक्त करता है। गायक लखबीर सिंह लक्खा का नाम इस भजन के साथ अक्सर जोड़ा जाता है, जो इसे और भी लोकप्रिय बनाता है ।   


दरबार तेरा दरबारों में, एक खास अहमियत रखता है।

उसको वैसा मिल जाता है, जो जैसी नियत रखता है।


प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी,

बड़ा न्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी।

भक्तों की यहां, भक्तों की,

तेरे भक्तों की लगी है, कतार भवानी॥


ऊँचे पर्वत भवन निराला,

आके शीश नवावे भवानी।

जग मग जग मग ज्योत जगे है,

तेरे चरणों में गंगा की धार भवानी॥


लाल चुनरिया लाल लाल चूड़ा,

गले लाल फूलों के सोहे हार भवानी।

सावन महीना मैया झूला झूले,

देखो रूप कंजकों का धार भवानी॥


पल में भरती झोली खाली,

तेरे खुले दया के भंडार भवानी।

लक्खा को है तेरा सहारा,

कर दे अपने सरल का बेड़ा पार भवानी॥


मैं बालक तू माता शेरावालिये

यह भजन एक भक्त और देवी के बीच के अटूट रिश्ते को दर्शाता है, जिसमें भक्त खुद को देवी का बालक मानता है और माँ से अपना अटूट रिश्ता स्वीकार करता है। यह गीत बताता है कि एक बालक के रूप में, भक्त कभी हार नहीं मान सकता, क्योंकि उसकी माँ का हाथ उसके सिर पर है । जुबिन नौटियाल द्वारा गाए जाने के बाद, यह भजन एक आधुनिक क्लासिक बन गया है। यह दर्शाता है कि भक्ति संगीत किस तरह से नए कलाकारों और शैलियों को अपनाकर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखता है।   


तो क्या जो ये पीड़ा का परबत, रस्ता रोके खड़ा है।

तेरी ममता, जिसका बल वो, कब दुनिया से डरा है।

हिम्मत मैं क्यों हारूँ मैया, सर पे हाथ तेरा है।


तेरी लगन में मगन मैं नाचूँ, गाऊँ तेरा जगराता।

मैं बालक तू माता शेरावालिये, है अटूट ये नाता शेरावालिये।


शेरावालिये माँ, पहाड़ां वालीये माँ।

जोतां वालीये माँ, मेहरां वालीये माँ।


मैं बालक तू माता शेरावालिये, है अटूट ये नाता शेरावालिये।


बिन बाती बिन दिया तू कैसे, काटे घोर अँधेरा।

बिन सूरज तू कैसे कर दे, अंतरमन में सवेरा।

बिन धागों के कैसे जुड़ा है, बंधन तेरा-मेरा।


तू समझे या मैं समझूँ कोई और समझ नहीं पाता।

मैं बालक तू माता शेरावालिये, है अटूट ये नाता शेरावालिये।


मैया का चोला है रंगला

यह भजन देवी के लाल रंग के चोले की महिमा का वर्णन करता है, जो उनकी शक्ति और भव्यता का प्रतीक है। यह गीत देवी के विभिन्न नामों जैसे शेरोंवाली, मेहरावाली और जोतावाली को जोड़ता है, जो उनके अलग-अलग गुणों को दर्शाते हैं । यह गीत बताता है कि देवी का चोला केवल एक परिधान नहीं है, बल्कि यह उनकी दैवीय शक्ति और शुभता का प्रतिनिधित्व करता है।   


मैया का चोला है रंगला, शेरोवाली का चोला है रंगला।

मेहरोवाली का चोला है रंगला, जोतावाली का चोला है रंगला।

अंबे रानी का चोला है रंगला, माँ वैष्णो का चोला है रंगला।

हो भवन मैया का लाल, चोला है रंगला रंगला रंगला रंगला।


सुवा चोला अंग बिराजे, लगी किनारी लाल, चोला है रंगला।

सिर सोने का छत्र बिराजे, हिरे अपरम्पार, चोला है रंगला।

अश्विन चैत महीना आवे, चले पवन की चाल, चोला है रंगला।

पान सुपारी ध्वजा नारियल, माँ की भेंट चढ़ा के, चोला है रंगला।

सबको करे निहाल, चोला है रंगला, मैया का चोला है रंगला॥


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