अगर बच्चे कहना नहीं माने तो क्या करना चाहिए?

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अगर बच्चे कहना नहीं माने तो क्या करना चाहिए?

हर माता-पिता का यह सपना होता है कि उनका बच्चा उनकी बात मानेगा और अनुशासित रहेगा। लेकिन असल जिंदगी में ऐसा हमेशा नहीं होता है। बच्चे कई बार माता-पिता की बात नहीं मानते और उनकी आज्ञाओं का उल्लंघन करते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता को शांत रहना और समझदारी से काम लेना बहुत जरूरी होता है। आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि बच्चे अपनी प्रकृति से ही कुछ हद तक अनुशासनहीन होते हैं। उन्हें अभी दुनिया की समझ नहीं आती और वे अपनी मर्जी के अनुसार काम करना चाहते हैं। उनके पास अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का सीमित ढंग है। उन्हें समझाने की कोशिश करनी चाहिए कि आपकी मांगें क्यों उचित हैं और उन पर अमल करने से उन्हें कैसे लाभ होगा।




अगर बच्चे कहना नहीं माने तो आपको निम्न लिखित बातों को अपनाना चाहिए:

1. कारणों की पहचान करना

जब बच्चा आपकी बात नहीं मानता है तो पहले उसके पीछे के कारणों को समझने की कोशिश करें। शायद वह थका हुआ है, भूखा है, या किसी बात से परेशान है। कभी-कभी बच्चे सिर्फ ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा करते हैं। जब आप कारण समझ लेंगे तो उसे दूर करना आसान होगा।

2. संयम बरतें और शांत रहें

जब बच्चा आपकी बात नहीं मानता है तो गुस्सा आना स्वाभाविक है। लेकिन यदि आप भी गुस्सा करेंगे तो स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए संयम बरतें और शांत रहें। गुस्से से काम नहीं चलेगा बल्कि समझदारी से ही समस्या का समाधान निकलेगा।  

3. संवाद स्थापित करें

जब बच्चा आपकी बात नहीं मानता है तो उससे संवाद स्थापित करना बहुत जरूरी होता है। पूछें कि वह क्यों ऐसा कर रहा है? क्या उसे कोई परेशानी है? उसकी बात ध्यान से सुनें और समझने की कोशिश करें। संवाद से आप उसकी भावनाओं और चिंताओं को समझ पाएंगे।

4. समझाएं और मार्गदर्शन करें

एक बार जब आप बच्चे की भावनाओं और चिंताओं को समझ लेंगे तो उसे विवेकपूर्ण ढंग से समझाएं कि आपके निर्देशों का पालन करना क्यों जरूरी है। उसे इसके फायदे बताएं और उसे सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें। याद रखें कि डांटना-फटकारना नहीं बल्कि प्यार से समझाना ज्यादा कारगर होगा।

5. स्पष्ट नियम बनाएं और लागू करें

बच्चों के लिए स्पष्ट नियम और सीमाएं होना बहुत जरूरी है। उन्हें बताएं कि किस तरह का व्यवहार स्वीकार्य है और किस तरह का नहीं। जब भी बच्चा नियमों का उल्लंघन करे तो तुरंत और निष्पक्ष ढंग से उचित कार्रवाई करें ताकि वह समझ जाए कि गलत आचरण के बुरे नतीजे होते हैं।

6. सकारात्मक पुष्टि दें

जब बच्चा आपकी बात मानता है तो उसकी प्रशंसा करें और उसे प्रोत्साहित करें। इससे वह और अधिक सही व्यवहार करेगा। याद रखें कि केवल सजा देने से कुछ नहीं होगा बल्कि सकारात्मक पुष्टि से ही बच्चा सीखेगा।

7. धैर्य रखें और लगातार प्रयास करें

बच्चों को सीखने में समय लगता है। इसलिए धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें। समय के साथ बच्चा आपकी बात मानना सीख जाएगा। लेकिन आपको भी उसकी उम्र और परिपक्वता के स्तर को ध्यान में रखना होगा।

निष्कर्षतः, जब बच्चा माता-पिता की बात नहीं मानता है तो परिस्थिति निपटने में कठिनाई आ सकती है लेकिन यदि आप धैर्य और समझदारी से काम लेंगे तो आप इस चुनौती से निपट सकते हैं। संवाद, नियम, प्रोत्साहन और निरंतर प्रयास इस समस्या से निपटने के कुछ प्रमुख उपाय हैं। याद रखें कि आपका लक्ष्य बच्चे की भलाई है और उसे सही दिशा देना है। इसलिए प्रेम और समझदारी से काम लें।

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