राधा रानी के भजन और कृष्ण जी के भजन लिरिक्स | राधा रानी और कान्हा जी के भजन लिखित में

Admin
0

राधा रानी और कान्हा जी के भजन लिखित में | राधा रानी के भजन और कृष्ण जी के भजन लिरिक्स हिंदी में:-



(1) सुन बंशी तेरी श्याम

सुन बंशी तेरी श्याम, मैं वन-वन भटकी। 

जब तौसों लगन लगाई,

भूल गई सब अपनी पराई।

तू जाने सब के घर की।। 

सुन बंशी तेरी....

बंशी तेरी कान परी है,

तन-मनकी सब सुधि बिसरी है।

याद आवे यमुना तट की।। 

सुन बंशी तेरी....

मथुरा ढूँढ़ो वृन्दावन ढूँढ़ो, 

नन्द गाँव बरसाने ढूँढ़ो।

मैं गहवर वन में अटकी।। 

सुन बंशी तेरी....

ब्रज में गली-गली हो आई,

राधे कुंजन पड़ी दिखाई।

छवि देखो नट नागर की।। 

सुन बंशी तेरी....

(2) झूलें रानी राधिका जी

झूला पै झूले रानी राधिका जी। 

एजी कोई गोपी गावत गीत मल्हारा।। झूला०

नन्हीं-नन्हीं बुंदिया देखौ झर लग रही जी।

एजी कोई बरसत मेह मूसलाधारा । झूला ०

पटुली पकड़ कै झोटा दे रहे जी।

एजी कोई झुकि-झुकि कृष्ण मुरार।। झूला० 

पीउ-पीउ पपीहा कैसौ बैरी कर रह्यौ जी।

एजी होवे पग पायल झन्कारा। झूला ०

कारे-कारे बदरा भैना मेरी फिर रहेजी। 

एजी कोई डरती कामिन नारि।। झूला०


(3) मैंने रटना लगाई रे

मैंने रटना लगाई रे, राधा नाम की।

मेरी पलकों में राधा, मेरी अलकों में राधा।

मैंने माँग भराई रे, राधा नाम की। मैंने०

मेरे नैनों में राधा, मेरे बैनों में राधा।

मैंने बेनी गुँथाई रे, राधा नाम की। मैंने०

मेरी बिंदिया में राधा, मेरी चुनरी में राधा।

मैंने नथुनी सजाई रे, राधा नाम की।। मैंने ० 

मेरे हलने में राधा, मेरे चलने में राधा।

कटि किंकनी सुहाई रे, राधा नाम की। मैंने ० 

मेरे दायें -बायें राधा, मेरे आगे-पीछे राधा,

रोम-रोम में रस छाई रे, राधा नाम की। मैंने० 

मेरे अंग-अंग राधा, मेर संग-संग राधा, 

गोपाल बंशी बजाई रे, राधा नाम की। मैंने०


(4) ओ तुझे आखों में बसाया है किशन-२

तुझे आखों में बसाया है किशन-२ 

ओ तुझे दिल में बिठाया है किशन-२

ना छोड़ेगा तू हमें दे वचन

आसरा हमने तो ले लिया है तेरा-२ 

हम तेरे हो गए तुझमें ही खो गए-२

मन्दिर बना तब से ये मन-२

ओ तुझे आँखों में बसाया  

मोर पंख शीश पे हाथों में बांसुरी

मंद-२ हंस रही रूप की माधुरी- २

श्याम रंग धारी श्याम तेरा बदन तेरा बदन 

ओ तुझे आँखों में बसाया है।





एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
CLOSE ADS