ढोलक पर गाने वाले भजन लिरिक्स कृष्णा | ढोलक पर कृष्ण जी के भजन लिरिक्स इन हिंदी | कृष्ण जी के भजन लिखे हुए हिंदी में:-
(1) कान्हा जी के भजन लिखित में
तेरी अखियां हैं जादू भरी,
बिहारी जी में कब से खड़ी।
तुमसा ठाकुर कोई ना पाया,
तुम्हीं से मैंने नेह लगाया-२
तेरे द्वार पर आन पड़ी।
बिहारी.....
सुन लो मेरे श्याम सलोना,
तुमने मुझ पर किया है टोना।
मेरी अखियां है तुमसे लड़ी,
बिहारी......
सुन लो मेरे दास के स्वामी,
बांके बिहारी अंतर्यामी-२
मेरी टूटे ना भजन लड़ी।
बिहारी.......
(2) कान्हा जी के भजन लिखित में
मन लागो वृंदावन धाम, कि राधे-राधे गाएंगे।
वृंदावन में बांके बिहारी,
बांके बिहारी की महिमा न्यारी,
तेरी कौड़ी लगे ना दाम,
कि राधे...
वृंदावन में यमुना किनारा,
निर्मल शीतल बहती है धारा,
तुझे मिल जाए श्यामा श्यामा,
ओ राधे.....
कुंज गली में कुंज बिहारी,
कुंज बिहारी संग राधा रानी,
कुंजन में है उनका धाम,
कि राधे.....
निधिवन की है शोभा न्यारी,
हरिदास स्वामी की महिमा प्यारी,
तेरे बन जाए बिगड़े काम,
कि राधे....
रस की रसीली भूमि है न्यारी,
फूल रही प्यारी फुलवारी,
मोर बंदर रहे हैं तमाम,
कि राधे.....
वृंदावन ब्रज की राजधानी,
स्वामिनी है श्री राधा रानी,
तू भज ले राधा नाम,
कि राधे.....
(3) कान्हा जी के भजन लिखित में
माखन चुरायो कन्हैया ने,
वो तो दाऊ जी के छोटे भइया ने-२
भरी सभा में द्रोपती टेरे,
चीर बढ़ायो कन्हैया ने - कन्हैया ने,
वो तो दाऊजी के छोटे भइया ने।
माखन.....
(4) कान्हा जी के भजन लिखित में
तेरा दर्शन पाने को जी चाहता है,
अपना बनाने को जी चाहता है।
पिला दो श्याम मुझे मस्ती के प्याले,
मस्ती में आने को जी चाहता है।
तेरा....
मुझे इश्क देकर जुदा करने वाले,
तुझमें समाने को जी चाहता है।
तेरा....
उठना है तेरी मोहब्बत का दरिया,
मेरा डूब जाने को जी चाहता है।
तेरा....
यह दुनिया बनी है एक नजरों का धोखा,
इसे छोड़ जाने को जी चाहता है।
तेरा.....
(5) कान्हा जी के भजन लिखित में
मुरली ने तेरी मोहन पागल बना दिया है, यह मन चुरा लिया है।
मुरली ने तेरी मोहन...
ठाढे कदम के नीचे, बंशी बजा रहे हैं।
बृषभानु दुलारी को, मानो बुला रहे हैं।
मन क्यों ना हो दीवाना, एक बूंद जो दे दिया है।
मुरली ने...
प्राणों में प्यास भरकर, कितना सता रहे हो।
मीठा सा दर्द देकर, क्यों खिसके जा रहे हो।
तन मन की सुध भुलाकर, जाने क्या पिला दिया है।
मुरली ने.....
बांकी छटा जो देखी, हैरान हो गई हूं।
अनमोल रतन पाकर, धनवान हो गई हूं।
गोपाल का नजारा मन में बसा लिया है।
मुरली ने....
लगता है मेरा तेरा, रिश्ता है कुछ पुराना।
घनश्याम घोर घटा को, हरगिज़ नहीं भुलना।
मेरे श्याम तुमने मुझको अपना बना लिया है।
मुरली ने....
(6) कान्हा जी के भजन लिखित में
भजन श्याम सुंदर का करते रहेंगे,
तो संसार सागर से तरते रहेंगे।
कृपानाथ बेशक मिलेंगे किसी दिन-२
जो सत्संग पथ से गुजरते रहेंगे।
भजन....
रहोगे हृदय में सभी के सदा तुम
जो अभिमान गिरि से उतरते रहोगे।
भजन.....
ना होगी कभी क्लेश मन को तुम्हारे,
जो अपनी बड़ाई से डरते रहोगे
भजन....
झलक ही पड़ेगा दया सिंधु का दिल
जो द्रग बिंदु से रोज भरते रहोगे
भजन....
(7) कान्हा जी के भजन लिखित में
श्याम सपनों में आते क्यों नहीं-२
मुझे अपना बनाते क्यों नहीं....
मेरा दिल तो दीवाना हो गया,
इसको दिल से लगाते क्यों नहीं।
श्याम सपनों....
तेरी नजरों से दिल मेरा घायल हुआ,
मरहम लगाते क्यों नहीं।
श्याम सपनों....
सदियों से भटक रही दर - बदर,
मुझे दर पे बुलाते क्यों नहीं।
श्याम सपनों....
तेरे प्यार में आधी पागल हुई,
पूरा पागल बनाते क्यों नहीं।
श्याम सपनों....
(8) कान्हा जी के भजन लिखित में
अब तुम दया करो श्री कृष्ण जी ब्रजराज कहाने वाले-२
तुम मात देवकी के जाये,
जसोदा के पुत्र कहाये।
गोकुल से मथुरा आए
बंशी....
यमुना तट पर बंसी बजाई
सब सखियां झुल मिल आईं
जाने ऐसी रास रचाई
सखियों के रिझाने वाले
अब तुम....
खेलत पे मिट्टी खाई,
सुनो मत यशोदा आई,
जाने मुख विशाल दिखायो री
ब्रजराज कहाने वाले अब....